इन आरतियों को भी माता दुर्गा

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 इन आरतियों को भी माता दुर्गा



इन आरतियों को भी माता दुर्गा की पूजा के दौरान गाया जाता है।

  • कात्यायनी आरती

जय कात्यायनी माता, जय कात्यायनी माता

चंद्र मुख कमल नयन, त्रिशूल धर त्रिपुरारी

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते

कात्यायनी नमोस्तुते

अर्थ:

चंद्रमुखी, कमल नेत्र वाली, त्रिशूलधारी, त्रिपुरारी।

शरण देने वाली, त्रिनेत्रधारी, गौरी, नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।

कात्यायनी दुर्गा का छठा रूप है। इस रूप में माता पार्वती ने भगवान कार्तिकेय को जन्म दिया था।

  • कालरात्रि आरती

जय कालरात्रि माता, जय कालरात्रि माता

घोर रूप धारिणी, दुष्टों का नाश करी

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते

कालरात्रि नमोस्तुते

अर्थ:

घोर रूप वाली, दुष्टों का नाश करने वाली।

शरण देने वाली, त्रिनेत्रधारी, गौरी, नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।

कालरात्रि दुर्गा का सातवां रूप है। इस रूप में माता पार्वती ने महिषासुर का वध किया था।

  • महागौरी आरती

जय महागौरी माता, जय महागौरी माता

श्वेत वस्त्र धारण करो, चंदन से शृंगार करो

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते

महागौरी नमोस्तुते

अर्थ:

श्वेत वस्त्र धारण करने वाली, चंदन से शृंगार करने वाली।

शरण देने वाली, त्रिनेत्रधारी, गौरी, नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।

महागौरी दुर्गा का आठवां रूप है। इस रूप में माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह किया था।

  • सिद्धिदात्री आरती

जय सिद्धिदात्री माता, जय सिद्धिदात्री माता

नवों सिद्धि को देने वाली, दशों निधि को धारण करो

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते

सिद्धिदात्री नमोस्तुते

अर्थ:

नौ सिद्धि को देने वाली, दशों निधि को धारण करने वाली।

शरण देने वाली, त्रिनेत्रधारी, गौरी, नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।

सिद्धिदात्री दुर्गा का नवां रूप है। इस रूप में माता पार्वती ने भक्तों को सभी सिद्धियां प्रदान की थीं।

ये आरती भक्तों द्वारा माता दुर्गा की पूजा के दौरान गाई जाती हैं। इन आरतियों में माता दुर्गा की महिमा का गुणगान किया गया है। इन आरतियों को सुनने से भक्तों को माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।

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